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लेखक:

वंदना राग

वन्दना राग मूलतः बिहार के सीवान जिले से हैं। जन्म इन्दौर मध्य प्रदेश में हुआ और पिता की स्थानान्तरण वाली नौकरी की वजह से भारत के विभिन्न शहरों में स्कूली शिक्षा पाई। 1990 में दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास में एम.ए. किया। पहली कहानी हंस में 1999 में छपी और फिर निरंतर लिखने और छपने का सिलसिला चल पड़ा। तब से कहानियों की चार किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं - यूटोपिया, हिजरत से पहले, खयालनामा अरु मैं और मेरी कहानियां। इसके अलावा अनेक अनुवाद कर चुकी है जिनमें प्रख्यात इतिहासकार ई. जे. हॉब्सबाम की किताब एज ऑफ़ कैपिटल का अनुवाद पूँजी का युग शीर्षक से किया है। यदा-कदा अख़बारों में सामाजिक और राजनीतिक विषयों पर लिखती रहती हैं। बिसात पर जुगनू इनका पहला उपन्यास है।

बिसात पर जुगनू

वंदना राग

मूल्य: Rs. 899

बिसात पर जुगनू श्रेष्ठ और सशक्त आंचलिक उपन्यास है।

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यूटोपिया

वंदना राग

मूल्य: Rs. 295

सर्वाधिक चर्चित कहानी ‘यूटोपिया’ साम्प्रदायिकता जैसे नाज़ुक विषय को एक नए अन्दाज़ में उठाती है।

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हिजरत से पहले

वंदना राग

मूल्य: Rs. 300

हिजरत से पहले...

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